Economic Events CURRENT AFFAIRS SET-11: 5.आर्थिकी घटनाक्रम

Economic Events CURRENT AFFAIRS SET – 11: 5. आर्थिकी घटनाक्रम


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5. आर्थिकी घटनाक्रम

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2022 को संसद में केन्द्रीय बजट 2022-23 पेश किया। बजट की प्रमुखविशेषताएं निम्नलिखित हैं-

रुपया आता है

गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियां ⇒ 2%
आय कर ⇒ 15%
उधार एवं अन्य देयताएं ⇒ 35%
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क ⇒ 7%
गैर-कर राजस्व ⇒ 5%
सीमा शुल्क ⇒ 5%
निगम कर ⇒ 15%
वस्तु एवं सेवा कर (GST) ⇒ 16%

शीर्ष 4 प्रमुख प्राप्तियों वाले क्षेत्र

1. उधार एवं अन्य देयताएं ⇒ 35%
2. वस्तु एवं सेवा कर (GST) ⇒ 16%
3. निगम कर आय कर ⇒ 15%
4. केन्द्रीय उत्पाद शुल्क ⇒ 7%

राजकोषीय घाटा : वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.9 प्रतिशत (बजट अनुमानों में 6.8 प्रतिशत की तुलना में ), वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 प्रतिशत अनुमानित है।
राज्यों को जीएसडीपी घाटे : 2022-23 में राज्यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत के वित्तीय घाटे की अनुमति होगी, जिसका 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र सुधारों में उपयोग किया जाएगा।
सार्वजनिक पूंजीगत निवेश: वर्ष 2022-23 में पूंजीगत व्यय के लिए परिव्यय 35.4 प्रतिशत तेजी से बढ़कर 7.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो मौजूदा वर्ष में 5.54 लाख करोड़ रुपये था।
7 फोकस क्षेत्र: अगले 25 साल भारत 100 के अमृत काल में प्रवेश करते हुए – पीएम गति शक्ति, समावेशी विकास, उत्पादकता वृद्धि, सूर्योदय के अवसर, ऊर्जा संक्रमण, जलवायु कार्रवाई और निवेश को वित्तपोषण पर बल दिया जाएगा।

रुपया जाता है

पेंशन ⇒ 4%
केन्द्र प्रायोजित योजनाएं ⇒ 9%
अन्य व्यय ⇒ 9%
अनुदान ⇒ 8%
रक्षा ⇒ 8%
केन्द्रीय योजनाएं ⇒ 15%
वित्त आयोग तथा अन्य वितरण ⇒ 10%
ब्याज भुगतान ⇒ 20%
कर एवं शुल्क में राज्यों का हिस्सा ⇒ 17%

शीर्ष 4 प्रमुख खर्च वाले क्षेत्र

1. ब्याज भुगतान ⇒ 20%
2. कर एवं शुल्क में राज्यों का हिस्सा ⇒ 17%
3. केन्द्रीय योजनाएं ⇒ 15%
4. वित्त आयोग तथा अन्य वितरण ⇒ 10%

सड़क परिवहनः राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 2022-23 में 25000 किलोमीटर का विस्तार दिया जाएगा।
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क : 2022-23 में 4 स्थानों पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाने के लिए ‘पीपीपी मॉडल’ के जरिए संविदाएं प्रदान की जाएंगी।
रेलवे: 2022-23 में देसी विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी और क्षमता वृद्धि कवच के तहत रेलमार्ग नेटवर्क में 2000 किमी. जोड़ा जाएगा। अगले 3 साल के दौरान 400 उत्कृष्ट वंदे भारत रेलगाड़ियों का निर्माण होगा।
रोपवे : राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम, पर्वतमाला को पीपीपी मॉडल में लाया जाएगा। 2022-23 में 60 किलोमीटर लंबी 8 रोपवे परियोजनाओं के लिए संविदाएं प्रदान की जाएंगी।
कृषि : गेहूं और धान की खरीद के लिए 1.63 करोड़ किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपए का सीधा भुगतान होगा। देशभर में रासायनिक उर्वरक मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
केन-बेतवा परियोजनाः केन-बेतवा लिंक परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 1400 करोड़ परिव्यय होगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना से किसानों की 9.08 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा मिलेगी |
⇒ सूक्ष्म, मध्यम व लघु उद्यम उद्यम, ई- श्रम, एनसीएस और असीम पोर्टल को आपस में जोड़ा जाएगा। 130 लाख एमएसएमई को इमरजेंसी क्रेडिट लिंक्ड गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत अतिरिक्त कर्ज दिया गया।
• ईसीएलजीएस को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा। ईसीएलजीएस के तहत गारंटी कवर को 50000 करोड़ रुपए बढ़ाकर कुल 5 लाख करोड़ कर दिया जाएगा।
• सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई ) के तहत 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त क्रेडिट दिया जाएगा।
• रेजिंग एंड एसिलेरेटिंग एमएसएमई परफोर्मेंस (आरएएमपी ) प्रोग्राम 6000 करोड़ रुपए के परिव्यय से शुरू किया जाएगा।
राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमः राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम के लिए खुला मंच शुरू किया जाएगा। गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखरेख सेवाओं के लिए राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
जीवंत ग्राम कार्यक्रमः उत्तर सीमा पर छिटपुट आबादी, सीमित सम्पर्क और बुनियादी ढांचे वाले सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए जीवंत ग्राम कार्यक्रम |
सेन्टर फॉर प्रोसेसिंग एक्सिलरेटिड कॉरपोरेट एक्जिट : कंपनियों को तेजी से बंद करने के लिए सेन्टर फॉर प्रोसेसिंग एक्सिलरेटिड कॉरपोरेट एक्जिट (C-PAC) स्थापित होगा ।
280 गीगावॉट सौर विद्युत लक्ष्य: वर्ष 2030 तक स्थापित सौर विद्युत का 280 गीगावॉट लक्ष्य हासिल करने के लिए उच्च दक्षता के ‘सौर मॉड्यूल्स’ के निर्माण के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के लिए 19,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा।

डिजिटल रुपया: सरकार ने ब्लॉकचेन और अन्य प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल से डिजिटल रुपये की शुरूआत करने का प्रस्ताव किया

आर्थिक समीक्षा 2021-22

31 जनवरी, 2022 को केंद्रीय वित्त एवं कार्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक समीक्षा 2021-22 पेश किया। आर्थिक समीक्षा 2021-22 का मूल विषय है- ‘ त्वरित दृष्टिकोण’। आर्थिक समीक्षा के मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं-
⇒ इसके अनुसार वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.2 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है, जबकि वर्ष 2020-21 में 7.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।
⇒ आर्थिक समीक्षा 2021-22 के अनुसार वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर 8 – 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2020-21 में 7.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।
⇒ 2022-23 के लिए यह अनुमान विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक की क्रमश: 8.7 और 7.5 प्रतिशत वास्तविक टर्म जीडीपी वृद्धि की संभावना के अनुरूप है। है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा जारी किया जाएगा और इसकी शुरूआत 2022-23 से होगी।
सहकारी समितियां : सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक न्यूनतम कर भुगतान को 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया। उन सहकारी समितियों के लिए अधिभार की मौजूदा दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया, जिनकी कुल आमदनी एक करोड़ रुपये से अधिक और 10 करोड़ रुपये तक है।
राज्यों को वित्तीय सहायता के लिए पूंजी निवेश योजना: केंद्र सरकार ने ‘राज्यों को वित्तीय सहायता के लिए पूंजी निवेश योजना’ के परिव्यय को 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर चालू वर्ष के संशोधित अनुमान में 15,000 करोड़ रुपये कर दिया है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना के योगदान में समानता : राज्य सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर कटौती की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है।
वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के कराधान के लिए योजनाः वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के लिए विशेष कर प्रणाली लागू की गई। किसी भी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर कर की दर 30 प्रतिशत होगी।
शिक्षा: पीएम ई – विद्या के ‘एक कक्षा एक टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 200 टीवी चैनलों पर दिखाया जाएगा।
• महत्वपूर्ण चिंतन कौशल और प्रभावी शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने के लिए वर्चुअल प्रयोगशाला और कौशल ई-प्रयोगशाला की स्थापना होगी। डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से पढ़ाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाला ई-कंटेंट विकसित किया जाएगा।
• व्यक्तिगत तौर पर पढ़ाई करने के लिए विश्व स्तरीय शिक्षा के लिए डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
गैर-मिश्रित ईधन: गैर- मिश्रित ईंधन पर 1 अक्टूबर, 2022 से प्रति लीटर 2 रुपये का अतिरिक्त विभेदक उत्पाद शुल्क लगेगा, ताकि ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा दिया जा सके।
⇒ आईएमएफ के ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य अनुमान के तहत, 2021-22 और 2022-23 में भारत की वास्तविक जीडीपी विकास दर 9 प्रतिशत और 2023-24 में 7.1 प्रतिशत रहने की संभावना है।
⇒ 2021-22 में कृषि और संबंधित क्षेत्रों के 3.9 प्रतिशत ; उद्योग के 11.8 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र के 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
⇒ कोविड-19 के चलते उधारी बढ़ने के साथ वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार का कर्ज बढ़कर जीडीपी का 59.3 प्रतिशत हो गया, जो वर्ष 2019-20 में जीडीपी के 49.1 प्रतिशत के स्तर पर था ।
⇒ सितंबर, 2021 के अंत तक एक साल पहले के 556.8 बिलियन डॉलर की तुलना में भारत का बाह्य कर्ज बढ़कर 593.1 बिलियन डॉलर हो गया।
⇒ 2021-22 की पहली छमाही में विदेशी मुद्रा भंडार 600 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया और यह 31 दिसंबर, 2021 तक 633.6 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
⇒ नवंबर, 2021 के अंत तक चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद भारत चौथा सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश था ।
⇒ औसत शीर्ष सीपीआई – संयुक्त मुद्रास्फीति 2021-22 (अप्रैल – दिसंबर) में सुधरकर 5.2 प्रतिशत हुई, जबकि 2020-21 की इसी अवधि में यह 6.6 प्रतिशत थी।
⇒ वर्ष 2021-22 (अप्रैल-दिसंबर) में औसत खाद्य मुद्रास्फीति 2.9 प्रतिशत के निम्न स्तर पर रही, जबकि विगत वर्ष की समान अवधि में यह 9.1 प्रतिशत थी।
⇒ थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित थोक मुद्रास्फीति 2021-22 ( अप्रैल से दिसंबर) के दौरान 12.50 प्रतिशत बढ़ी।
⇒ नीति आयोग एसडीजी इंडिया सूचकांक तथा डैशबोर्ड पर भारत का समग्र स्कोर 2020-21 में सुधरकर 66 हो गया, जबकि वर्ष 2019-20 में यह 60 तथा 2018-19 में 57 था ।
⇒ भारत विश्व में 10वां सबसे बड़ा वन क्षेत्र वाला देश है। 2010 से 2021 के दौरान वन क्षेत्र की वृद्धि के मामले में 2020 में भारत का विश्व में तीसरा स्थान रहा।
⇒ 2020-21 में प्रतिदिन सड़क निर्माण की सीमा को बढ़ाकर 36.5 किमी. प्रतिदिन कर दिया गया, जो वर्ष 2019-20 में 28 किमी. प्रतिदिन थी। इस प्रकार इसमें 30.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
⇒ भारत अमेरिका और चीन के बाद विश्व में तीसरा बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बन गया है।
⇒ सामाजिक सेवाओं (स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य) पर जीडीपी के अनुपात के रूप में केंद्र और राज्यों का व्यय, जो 2014-15 में 6.2 प्रतिशत था, 2021-22 (बजट अनुमान) में बढ़कर 8.6 प्रतिशत हो गया ।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 के अनुसार-

1. कुल प्रजनन दर (TFR) 2019 – 21 में घटकर 2 हो गई, जो 2015-16 में 2.2 थी ।

फीचर फोन हेतु ‘UPI123 Pay’ नामक यूपीआई पेमेंट प्रोडक्ट

⇒ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने फीचर फोन के लिए ‘UPI123Pay’ नामक यूपीआई आधारित पेमेंट प्रोडक्ट लॉन्च किया है।
⇒ उन्होंने डिजिटल पेमेंट्स के लिए 24×7 हेल्पलाइन भी लॉन्च की। इसका नाम डिजीसाथी है। इन दोनों का सीधा संबंध आम आदमी
से है।
⇒ इससे ग्राहक फीचर फोन के जरिए स्कैन ऐंड पे‍ के अतिरिक्त लगभग सभी लेनदेन कर सकेंगे तथा इससे लेनदेन करने हेतु इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत नहीं होगी। बकौल आरबीआई, भारत में 40 करोड़ से अधिक फीचर फोन ग्राहक हैं।
⇒ UPI123Pay की सहायता से यूजर्स फीचर फोन से यूपीआई पेमेंट कर सकेंगे। स्कैन एंड पे छोड़ सभी तरह के लेन-देन इससे किए जा सकेंगे।
2. शिशु मृत्यु दर (IMR): पांच साल से कम उम्र के शिशुओं की मृत्यु दर में कमी हुई है और अस्पतालों / प्रसव केंद्रों में शिशुओं
के जन्म में 2015-16 की तुलना में 2019 -21 में सुधार हुआ है।
⇒ जल जीवन मिशन के तहत 83 जिले ‘हर घर जल’ जिले बन गए हैं।
⇒ अप्रैल-नवंबर, 2021-22 में अमेरिका शीर्ष निर्यात गंतव्य बना रहा।
⇒ इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) तथा चीन का स्थान आता है। अप्रैल-नवंबर, 2021-22 में आयात गंतव्य के शीर्ष दस देशों में चीन, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका (USA) क्रमश: भारत के लिए सबसे बड़े आयात गंतव्य रहे हैं।
⇒ एक वर्ष पहले की इसी अवधि में चीन की हिस्सेदारी 17.7 प्रतिशत से घटकर 15.5 प्रतिशत हो गई।
⇒ अप्रैल – दिसंबर, 2021 में वस्तुगत व्यापार घाटा 142.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
⇒ पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 61.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर और अप्रैल – दिसंबर- 2019 में 125.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का
घाटा था।

वर्ष 2020-21 के दौरान प्रतिशत हिस्सेदारी के रूप में शीर्ष 5 निर्यात की गई वस्तुएं-

1. पेट्रोलियम उत्पाद
2. मोती, कीमती, अर्ध कीमती पत्थर
3. लोहा और इस्पात
4. ड्रग फॉर्म्युलेशन, बायोलॉजिकल
5. सोने और अन्य कीमती धातु के आभूषण

वर्ष 2020-21 के दौरान प्रतिशत हिस्सेदारी के रूप में शीर्ष 5 आयात की गई वस्तुएं हैं-

1. पेट्रोलियम क्रूड
2. स्वर्ण
3. पेट्रोलियम उत्पाद
4. मोती, कीमती, अर्द्ध कीमती पत्थर
5. कोयला एवं कोक

भारत-चीन व्यापार में ऐतिहासिक वृद्धि

⇒ चीन के सामान्य प्रशासन सीमा शुल्क द्वारा जनवरी 2022 में जारी आंकड़ों के अनुसार, 2021 में चीन के साथ भारत का व्यापार 125.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
⇒ कोरोना काल में भारत-चीन तनाव के बावजूद पहली बार भारत-चीन व्यापार 100 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है। चीन से भारत का आयात 97.5 बिलियन डॉलर था, जबकि निर्यात 28.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
⇒ हाल के वर्षों में भारत में चीनी सामानों की आयात में अत्यधिक वृद्धि के चलते भारत के व्यापार घाटे में 22% की वृद्धि दर्ज हुई।

एयरटेल पेमेंट्स बैंक को अनुसूचित बैंक का दर्जा

⇒ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जनवरी 2022 में एयरटेल पेमेंट्स बैंक को ‘अनुसूचित बैंक’ के रूप में वर्गीकृत किया गया।
⇒ इससे पूर्व दिसम्बर, 2021 में पेटीएम की सहयोगी इकाई ‘पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड’ ने भारतीय रिजर्व बैंक से अनुसूचित बैंक का दर्जा प्राप्त किया था और इसे भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल किया गया था।

भारतः ककड़ी और खीरे का सबसे बड़ा निर्यातक देश

⇒ भारत दुनिया में खीरे का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। 2020-21 में भारत ने 223 मिलियन डॉलर के मूल्य के साथ 2,23,515 मीट्रिक टन ककड़ी और अचारी खीरे का निर्यात किया। वैश्विक स्तर पर खीरे की मांग का लगभग 15% उत्पादन भारत में होता है।
⇒ अचारी खीरा की खेती की शुरूआत भारत में 1990 के दशक में कर्नाटक में हुई और बाद में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी इसका विस्तार हो गया।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार

⇒ 29 अक्टूबर, 2021 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.919 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 642.019 अरब डॉलर पर पहुँच गया।
⇒ विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है। इस सूची में चीन पहले स्थान पर है।
⇒ 29 अक्टूबर, 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार –
• विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए) : +578.462 बिलियन
• गोल्ड रिजर्व : +39.012 बिलियन
• आईएमएफ के साथ एसडीआर: + 19.304 बिलियन
• आईएमएफ के साथ रिजर्व की स्थितिः +5.242 बिलियन

पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) को ‘महारत्न’ का दर्जा

⇒ केंद्र सरकार ने पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) को ‘महारत्न’ का दर्जा दिया है। पीएफसी ‘ महारत्न श्रेणी’ में प्रवेश करने वाली भारत की 11वीं सरकारी स्वामित्व वाली इकाई बन गई है।
⇒ PFC अब ओएनजीसी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल), भेल और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन जैसी अन्य कंपनियों के रैंक में शामिल हो गया है।

महारत्न कंपनी

कंपनी ⇒ घोषित वर्ष

1. राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (NTPC) ⇒ 2010
2. तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) ⇒ 2010
3. भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (SAIL) ⇒ 2010
4. भारतीय तेल निगम (IOC) ⇒ 2010
5. कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ⇒ 2011
6. भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लि. (BHEL) ⇒ 2013
7. गैस अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लि. (GAIL) ⇒ 2013
8. भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि (BPCL) ⇒ 2017
9. पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (PGCI) ⇒ 2019
10. हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लि. (HPCL) ⇒ 2019
11. पावर फिनांस कॉर्पोरेशन (PFCL) ⇒ 2021

प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद का पुनर्गठन

⇒ भारत सरकार ने 27 अक्टूबर, 2021 को प्रधानमंत्री के लिए सात सदस्यीय आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC) का पुनर्गठन किया। सितंबर 2021 में इसका कार्यकाल समाप्त होने के बाद नई EAC का गठन किया गया। इसे दो साल की अवधि के लिए पुनर्गठित किया गया है।
⇒ RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन, NCAER की महानिदेशक पूनम गुप्ता और IIM अहमदाबाद के प्रोफेसर टी.टी. राम मोहन को नए… अंशकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया । अन्य अंशकालिक सदस्य देबरॉय, नीलकंठ मिश्रा, साजिद चेनॉय हैं। बिबेक देबरॉय इस परिषद के अध्यक्ष बने रहेंगे।
⇒ EAC-PM एक स्वतंत्र निकाय है, जो सरकार को आर्थिक नीति संबंधी मामलों पर सलाह देता है। इसका गठन पहली बार सितंबर 2017 में दो साल की अवधि के लिए किया गया था।

ई-रूपी: एक नया डिजिटल भुगतान साधन

⇒ 2 अगस्त, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विशेष डिजिटल भुगतान साधन ई-रूपी को लांच किया ।
⇒ देश में नकद-रहित लेन-देनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाउचर आधारित भुगतान प्रणाली ‘ई-रूपी’ का विकास ‘भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा किया गया है।
⇒ ई-रूपी के विकास में वित्तीय सेवाएं विभाग (केंद्रीय वित्त मंत्रालय), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की भी प्रमुख भूमिका रही है।
⇒ ई-रूपी लेन-देनों के लिए NPCI ने 14 बैंकों के साथ साझेदारी की है, जिनका विवरण निम्नवत है:-
• मूलतः ई-रूपी एक डिजिटल वाउचर है, जो लाभार्थी / उपयोगकर्ता को उसके फोन पर SMS या QR कोड के रूप में प्राप्त होता है।

• यह एक पूर्व – भुगतान (Pre-paid ) वाउचर होता है ।

देश का पहला हरित विशेष आर्थिक क्षेत्र

⇒ 26 जुलाई, 2021 को देश का सबसे पुराना निर्यात क्षेत्र ‘कांडला विशेष आर्थिक क्षेत्र’, औद्योगिक शहरों की श्रेणी में मौजूदा शहरों के लिए इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल ‘ग्रीन सिटीज रेटिंग’ के तहत प्लैटिनम रेटिंग प्राप्त करने वाला भारत का ‘पहला हरित औद्योगिक शहर’ बन गया है।
⇒ 2019 में KASEZ में 25,000 पेड़ों की तुलना में, वर्तमान में 1000 एकड़ में 3.5 लाख पेड़ हैं। इनमें से अधिकांश पेड़ 2019 के बाद मियावाकी वनीकरण पद्धति का उपयोग करके लगाए गए हैं। पेड़ों के रोपण ने लवणता को कम करने में मदद की है और ऊपरी मृदा की गुणवत्ता में सुधार किया है।
⇒ इसके अलावा KASEZ ने पानी के रिसाव को रोकने के लिए क्षेत्र के अंदर बनाए गए कृत्रिम जल निकायों को पंक्तिबद्ध करने के लिए प्लास्टिक कचरे का भी इस्तेमाल किया है।

⇒ गुजरात राज्य के कच्छ जिले में स्थित KASEZ का उद्घाटन 1965 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा ‘देश के पहले मुक्त व्यापार क्षेत्र’ के रूप में किया गया था।

एशिया-प्रशांत में दूसरा सबसे बड़ा बीमा-प्रौद्योगिकी बाजार

⇒ S&P ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के आंकड़ों के अनुसार, भारत एशिया – प्रशांत में दूसरा सबसे बड़ा बीमा प्रौद्योगिकी बाजार है और इस क्षेत्र में निवेश की गई 3.66 अरब डॉलर की बीमा प्रौद्योगिकी – केंद्रित उद्यम पूंजी का 35 प्रतिशत हिस्सा है।
⇒ आंकड़ों से पता चला है कि एशिया-प्रशांत में कम से कम 335 निजी बीमा प्रौद्योगिकी काम कर रहे हैं, जिनमें से लगभग 122 ने निजी प्लेसमेंट सौदों के माध्यम से जुटाई गई कुल पूंजी में +3.66 बिलियन का खुलासा किया गया है।

भारत का पहला कृषि निर्यात सुविधा केंद्र

⇒ महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्री एंड एग्रीकल्चर ने नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट के सहयोग से पुणे में भारत का पहला कृषि – निर्यात सुविधा केंद्र शुरू किया है।
⇒ नया सुविधा केंद्र कृषि क्षेत्र में निर्यातकों के लिए वन-स्टॉप सेंटर के रूप में काम करेगा और साथ ही वैश्विक मानकों के अनुसार इस क्षेत्र से कृषि निर्यात को बढ़ावा देगा ।
⇒ केंद्र अपने विशेषज्ञों के माध्यम से संभावित निर्यातकों को ‘कृषि – निर्यात की फार्म-टू-फोर्क श्रृंखला’ के विभिन्न प्रासंगिक पहलुओं पर मार्गदर्शन करेगा।

TCS ने एम्स्टर्डम, नीदरलैंड में अपना पहला यूरोपीय नवाचार केंद्र खोला

⇒ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) सतत चुनौतियों को हल करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में मदद करने के लिए एम्स्टर्डम में अपने नवीनतम नवाचार केंद्र में विश्वविद्यालयों, व्यवसायों, स्टार्टअप और सरकार को एक साथ लाएगी।
⇒ यह संगठनों द्वारा सामना की जाने वाली सतत चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेगा और हब के नेटवर्क में पहला होगा, जिसे यूरोप में TCS पेस पोर्ट्स के रूप में जाना जाता है।
⇒ वैश्विक स्तर पर लगभग 70 विश्वविद्यालय, 2,000 से अधिक स्टार्टअप, बड़ी तकनीकी कंपनियां जैसे कि अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट, उद्यम ग्राहक और सरकारें टीसीएस पेस पोर्ट नेटवर्क से जुड़ी हुई हैं।

COVID-19 राहत पैकेज 2021

⇒ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने COVID-19 महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित लोगों और व्यवसायों को राहत प्रदान करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है।
⇒ मंत्री ने 6,28,993 करोड़ रुपये के कुल 17 उपायों की घोषणा की।
⇒ इन 17 उपायों को आगे 3 व्यापक श्रेणियों में बांटा गया है:
1. महामारी से आर्थिक राहत ( 8 )
2. सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाना ( 1 )
3. विकास और रोजगार के लिए प्रोत्साहन ( 8 )

आरोग्यम हेल्थकेयर बिजनेस लोन

⇒ भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने महामारी के बीच स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को बेहतर सहायता प्रदान करने के लिए आरोग्यम हेल्थकेयर बिजनेस लोन लॉन्च किया है।
⇒ इस नए उत्पाद के तहत, देश का सबसे बड़ा सरकारी स्वामित्व वाला बैंक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य आपूर्ति में लगे अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, पैथोलॉजी लैब, निर्माता, आपूर्तिकर्ता, आयातक लॉजिस्टिक फर्म जैसे संपूर्ण स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र, 10 वर्षों में चुकाने योग्य, 100 करोड़ रुपये तक ( भौगोलिक स्थिति के अनुसार) के ऋण का लाभ उठा सकते हैं।
⇒ मेट्रो केंद्रों में आरोग्यम के तहत 100 करोड़ रुपये तक, टियर I और शहरी केंद्रों में 20 करोड़ रुपये तक और टियर II से टियर VI केंद्रों में 10 करोड़ रुपये तक का ऋण लिया जा सकता है।

भारत: 2020 में FDI का पांचवां सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता

⇒ व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) द्वारा विश्व निवेश रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारत 2020 में दुनिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का पांचवां सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता था।
⇒ देश ने 2020 में 64 बिलियन अमरीकी डालर का FDI प्राप्त किया, जो 2019 में 51 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक, 27 प्रतिशत की वृद्धि है।
⇒ संयुक्त राज्य अमेरिका FDI का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बना रहा। हालांकि, 2020 में देश में FDI प्रवाह 40 प्रतिशत घटकर 156 बिलियन डॉलर हो गया। चीन 149 बिलियन अमरीकी डॉलर के FDI के साथ दूसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता था ।
⇒ वैश्विक FDI प्रवाह 2020 में 35 प्रतिशत घटकर 2019 में 1.5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर से 1 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।

स्विस बैंक में जमा धन के मामले में भारत 51वें स्थान पर

⇒ स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक स्विस नेशनल बैंक द्वारा जारी ‘2020 के वार्षिक बैंक सांख्यिकी’ के अनुसार, स्विस बैंक (CHF) 2.55 बिलियन (20,706 करोड़ रु. ) के साथ भारत को 2020 के दौरान स्विस बैंकों में विदेशी ग्राहकों के पैसे की सूची में 51वें स्थान पर रखा गया है। यूनाइटेड किंगडम (UK) CHF 377 बिलियन के साथ सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद US (152 बिलियन) है।
⇒ स्विस बैंकों में विदेशी ग्राहकों के पैसे के मामले में भारत न्यूजीलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, डेनमार्क, हंगरी, मॉरीशस, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों से आगे था।

बिटकॉइन को लीगल करने वाला पहला देश

⇒ अल सल्वाडोर बिटकॉइन को लीगल टेंडर का दर्जा देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। El Salvador की अर्थव्यवस्था अधि कतर प्रेषण पर निर्भर करती है।
⇒ यह देश के अंदर वित्तीय समावेशन, निवेश, पर्यटन, नवाचार और आर्थिक विकास लाएगा।

3 ट्रिलियन मार्केट कैप की तीसरी भारतीय आईटी फर्म

⇒ विप्रो ने पहली बार बाजार पूंजीकरण में 3 ट्रिलियन रुपये को छुआ है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इंफोसिस के बाद विप्रो मील का पत्थर हासिल करने वाली तीसरी भारतीय आईटी फर्म बन गई है।
⇒ कंपनी ने जर्मन रिटेलर मेट्रो से अपनी अब तक की सबसे बड़ी और 7.1 बिलियन डॉलर की डील जीती है। भारत में कुल 13 सूचीबद्ध फर्म हैं, जिन्होंने 3 ट्रिलियन एम कैप को पार कर लिया है। विप्रो अब 14वें स्थान पर है।
⇒ रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी है, जिसका बाजार पूंजीकरण 14.05 ट्रिलियन रुपये है। इसके बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक क्रमश: 11.58 ट्रिलियन रुपये और 8.33 ट्रिलियन रुपये के एम कैप के साथ हैं।

15वें वित्त आयोग की सिफारिशें: संसाधन आवंटन

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 से आगामी पाँच वर्ष की अवधि के लिये करों के वितरण पूल में राज्यों की हिस्सेदारी को 41 प्रतिशत तक बनाए रखने से संबंधित 15वें वित्त आयोग की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।
15वें वित्त आयोग का गठन भारत के राष्ट्रपति द्वारा नवंबर, 2017 में एन. के. सिंह की अध्यक्षता में किया गया था। इसकी सिफारिशें वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक पाँच वर्ष की अवधि के लिये मान्य होंगी।

प्रमुख बिंदु

⇒ 15वें वित्त आयोग ने राज्यों की वर्टिकल हिस्सेदारी को 41 प्रतिशत बनाए रखने की सिफारिश की है, जो कि आयोग की वर्ष 2020-21 में दी गई अंतरिम रिपोर्ट के समान है।
⇒ यह राशि वर्तमान वितरण पूल के 42 प्रतिशत के स्तर के समान ही है, जिसकी सिफारिश 14वें वित्त आयोग द्वारा की गई थी।
⇒ इसमें जम्मू-कश्मीर राज्य की स्थिति में बदलाव के बाद बने नए केंद्रशासित प्रदेशों ( लद्दाख और जम्मू-कश्मीर) की स्थिति के मद्देनजर 1 प्रतिशत का आवश्यक समायोजन भी किया गया है।
⇒ राज्यों के बीच कर राजस्व के विभाजन के लिये आयोग ने जो सूत्र प्रस्तुत किया है, उसके मुताबिक राजस्व हिस्सेदारी का निर्धारण करते समय जनसांख्यिकीय प्रदर्शन को 12.5 प्रतिशत, आय के अंतर को 45 प्रतिशत जनसंख्या और क्षेत्रफल प्रत्येक के लिये 15 प्रतिशत, वन और पारिस्थितिकी के लिये 10 प्रतिशत तथा कर एवं राजकोषीय प्रयासों के लिये 2.5 प्रतिशत भार दिया जाएगा।
⇒ आयोग ने वित्तीय वर्ष 2026 तक पाँच वर्ष की अवधि के लिये लगभग 3 ट्रिलियन रुपए राजस्व घाटा अनुदान की सिफारिश की है।

⇒ राजस्व घाटे के अनुदान के लिये योग्य राज्यों की संख्या वित्त वर्ष 2022 के 17 से घटकर वर्ष 2026 तक 6 रह जाएगी ।
⇒ ये अनुदान मुख्यतः चार विषयों के इर्द-गिर्द घूमते हैं। पहला विषय सामाजिक क्षेत्र है, जहाँ स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
⇒ दूसरा विषय ग्रामीण अर्थव्यवस्था है, जहाँ कृषि और ग्रामीण सड़कों के रखरखाव पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
⇒ ग्रामीण अर्थव्यवस्था देश के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि इसमें देश की दो-तिहाई आबादी, कुल कार्यबल का 70 प्रतिशत और राष्ट्रीय आय का 46 प्रतिशत हिस्सा शामिल है।
⇒ तीसरा विषय शासन और प्रशासनिक सुधार है, जिसके तहत आयोग ने न्यायपालिका, सांख्यिकी और आकांक्षी जिलों तथा ब्लॉकों के लिये अनुदान की सिफारिश की है।
⇒ इस श्रेणी में बिजली क्षेत्र के लिये आयोग द्वारा विकसित एक प्रदर्शन -आधारित प्रोत्साहन प्रणाली शामिल है, जो अनुदान से संबंधित नहीं है, बल्कि यह राज्यों को अतिरिक्त उधार प्राप्त करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण विंडो प्रदान करती है ।
⇒ 15वें वित्त आयोग द्वारा राज्यों को किया गया कुल हस्तांतरण (कर वितरण + अनुदान) केंद्र सरकार की अनुमानित सकल राजस्व प्राप्तियों का लगभग 34 प्रतिशत है, जिससे केंद्र सरकार के पास अपनी आवश्यकताओं और राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं के दायित्त्वों को पूरा करने के लिये पर्याप्त राजस्व बचता है।
⇒ आयोग ने अपनी सिफारिशों में नगरपालिकाओं और स्थानीय सरकारी निकायों के लिये अनुदान के साथ – साथ, नए शहरों के इन्क्यूबेशन हेतु प्रदर्शन – आधारित अनुदान तथा स्थानीय सरकारों के लिये स्वास्थ्य अनुदान को भी शामिल किया है।
⇒ शहरी स्थानीय निकायों के लिये अनुदान की व्यवस्था के तहत मूल अनुदान केवल उन शहरों / कस्बों के लिये प्रस्तावित है, जिनकी आबादी दस लाख है। दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को 100 प्रतिशत अनुदान मिलियन – प्लस सिटीज चैलेंज फंड (MCF) के माध्यम से प्रदर्शन के आधार पर दिया जाएगा।
⇒ दस लाख से अधिक आबादी के शहरों का प्रदर्शन उनकी वायु गुणवत्ता में सुधार और शहरी पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि मापदंडों के आधार पर मापा जाएगा।

हस्तांतरण का मानदंड

मानदंड, ⇒ 14 विआ 2015-20, ⇒ 15 विआ 2021-26

आय का अंतर ⇒ 50.0 ⇒ 45.0
क्षेत्र ⇒ 15.0 ⇒ 15.0
जनसंख्या (1971) ⇒ 17.5 ⇒ _
जनसंख्या (2011) ⇒ 10.0 ⇒ 15.0
जनसांख्यिकीय प्रदर्शन ⇒ _ ⇒ 12.5
वन क्षेत्र ⇒ 7.5 ⇒ _
वन और पारिस्थितिकी ⇒ _ ⇒ 10.0
कर और राजकोषीय प्रयास ⇒ _ ⇒ 2.5
कुल ⇒ 100 ⇒ 100

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